विना वेङ्कटेशं न नाथो न नाथः सदा वेङ्कटेशं स्मरामि स्मरामि । हरे वेङ्कटेश !प्रसीद प्रसीद प्रियं वेङ्कटेश प्रयच्छ प्रयच्छ ॥

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Author: English